
अयोध्या। विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय अयोध्या के चिकित्सक डॉ वीरेंद्र वर्मा ने बताया है कि कुछ महीनों से मधुमेह के नए मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है डॉ वीरेंद्र वर्मा के अनुसार हर महीने औसतन 500 नए मधुमेह के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इनमें 30 वर्ष से अधिक उम्र के युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोग सबसे ज्यादा हैं। रोजाना ओपीडी में20 से 25 नए शुगर के मरीज देख रहे हैं, जिनमें से कई की उम्र 30 से 50 वर्ष के बीच है।
डॉ. वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि मधुमेह अब महज बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है। डायबिटीज यह एक लंबे समय तक रहने वाली (क्रोनिक) बीमारी है, जिसमें शरीर में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाता या बनी हुई इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता।
■ मधुमेह के प्रकार
∆ टाइप 1 डायबिटीज : शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। ज्यादातर बच्चों या युवाओं में होता है। रोज इंसुलिन इंजेक्शन लेना जरूरी होता है।
∆ टाइप 2 डायबिटीज : शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता। खानपान, व्यायाम और दवाइयों से नियंत्रित किया जा सकता है।
■ गर्भावधि मधुमेह ः गर्भावस्था
के दौरान होता है। डिलीवरी के बाद ठीक हो सकता है, लेकिन भविष्य में टाइप 2 का जोखिम बढ़ जाता है।
■ मधुमेह के लक्षण
बार-बार पेशाब आना, बहुत प्यास लगना, ज्यादा भूख लगना, वजन घटना, थकान महसूस होना, जख्मों का देर से भरना, आंखों की रोशनी धुंधली होना शामिल है।
■ रोग के कारण
आनुवंशिक, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता, असंतुलित भोजन (ज्यादा मीठा, फास्ट फूड आदि), तनाव व नींद की कमी मधुमेह का मुख्य कारण है।
